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Hindi Kavita कुँवर नारायण द्वारा रचित ‘पगडण्डी’ एक रहस्यवादी कविता है।

Hindi Kavita कुँवर नारायण की यह कविता ‘पगडंडी’ अज्ञेय के संपादन में प्रकाशित ‘तीसरा सप्तक’ के दौर की है।‘तीसरा सप्तक’ की रहस्यवादी प्रवृत्ति को ध्यान में रखते हुए यदि हम इस कविता को समझने का प्रयास करते हैं, तब यह कविता हमें एक आदर्श रहस्यवाद की ओर ले जाती है।  Hindi Kavita पगडण्डी स्वयं का … Read more

Rashmirathi रश्मिरथी खंडकाव्य का द्वितीय सर्ग भावार्थ सहित

Rashmirathi द्वितीय सर्ग भाग एक शीतल, विरल एक कानन शोभित अधित्यका के ऊपर, कहीं उत्स-प्रस्त्रवण चमकते, झरते कहीं शुभ निर्झर। जहाँ भूमि समतल, सुन्दर है, नहीं दीखते है पाहन, हरियाली के बीच खड़ा है, विस्तृत एक उटज पावन। Rashmirathi कठिन शब्द:  शीतल (उत्तेजनाहीन) Cool, विरल Rare, कानन forest, अधित्यका, Mountain, उत्स-प्रस्त्रवण (जलधारा) water stream, निर्झर … Read more

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